विंध्याचल पर्वत श्रंखला - मध्यप्रदेश - vindhyachal parvat shreni - madhypradesh
हेलो दोस्तों मैं अनिल कुमार पलासिया आज फिर मध्यप्रदेश की एक महत्वपूर्ण पोस्ट को लेकर आ रहा हूं इस पोस्ट में हम मध्य प्रदेश के पर्वत की जानकारी को देखेंगे मध्यप्रदेश में तीन पर्वत श्रृंखलाएं हैं जिसमें से आज हम विंध्याचल पर्वत श्रंखला के बारे में सभी जानकारी को देखेंगे जो परीक्षा की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है इस पर्वत में हम सभी जानकारी विषय नदियां श्रेणियां मिट्टी जलवायु जीव जंतु औसत वर्षा सर्वोच्च चोटी इन सब की जानकारी को हम आज इस पोस्ट में देखेंगे
read more
विंध्याचल पर्वत map - vindhyachal parvat
MP FORES 2023
विंध्याचल पर्वत श्रृंखला श्रेणी या या विंध्याचल पर्वत श्रृंखलाएं
विंध्याचल पर्वत भारत देश के मध्य प्रदेश राज्य में उत्तरी भाग में स्थित है यह पर्वत मध्य प्रदेश के मध्य में स्थित है इस पर्वत की मुख्य श्रेणियां भांडेर कैमूर हैं यह पर्वत श्रेणी पूर्व से पश्चिम की ओर फैली हुई है और अरावली पर्वत में जाकर मिल जाती है Vindhyachal parvat shreni Narmada Nadi ke samantar faili Hui Uttar mein purv se paschim Disha ki or sthit hai।
read more
हिंदी व्याकरण [ you tube vidyos ]
मध्य प्रदेश का सामान्य ज्ञान you tube
विंध्याचल पर्वत [ मध्यप्रदेश का भोतिक स्वरूप ]
विंध्याचल पर्वत मध्य प्रदेश राज्य के दमोह जिले में स्थित सद्भावना शिखर चोटी गुडविल पिक विंध्याचल पर्वत श्रेणी श्रंखला की सबसे ऊंची चोटी है सामान्य में तहसील पर्वत की औसत ऊंचाई लगभग 300 से 650 मीटर है विंध्याचल पर्वत श्रेणी का निर्माण कार्य एवं बलुआ पत्थर से हुआ है विन्ध्याचल पर्वत भारत देश के पश्चिम मध्य भाग में विशेष रुप से स्थित है विंध्याचल पर्वत श्रेणी एक गोलाकार पर्वतों की एक पर्वत माला है इस पर्वत श्रेणी को उत्तरी भारत और दक्षिण भारत के बीच का विभाजक माना जाता है विंध्याचल पर्वत श्रेणी नर्मदा नदी उत्तर में नदी के समांतर चलती है भारत देश में विंध्याचल पर्वत श्रेणी पश्चिम में गुजरात तक विशेष रूप से फैला हुआ है।
विंध्याचल पर्वत शैली की विशेषता
- विंध्याचल पर्वत नरबलि के उत्तर में स्थित है
- विंध्याचल पर्वत राजस्थान से झारखंड राज्य तक फैला हुआ है
- विंध्याचल पर्वत श्रेणी उत्तर भारत और दक्षिण भारत के बीच में स्थित है
- विंध्याचल पर्वत श्रेणी कर्क रेखा के समांतर है
- विंध्याचल पर्वत श्रेणी उत्तर भारत और दक्षिण भारत के बीच जल विभाजक का कार्य करती है
- विंध्याचल पर्वतमाला पश्चिम से पूर्व की ओर भांडेर की मौत एवं पारसनाथ की पहाड़ियों के रूप में गुजरात से लेकर झारखंड तक फैला हुआ है
- Vindhyachal parvat shreni ko avshisht parvat ke naam se bhi Jana jata hai
- विंध्याचल पर्वत माला उत्तर भारत को दक्षिण भारत से अलग करती है
- विंध्याचल पर्वत प्राचीन युग से पर्दा चट्टानों से निर्मित है जिससे लाल बलुआ पत्थर अधिक मात्रा में पाए जाते हैं
- Vindhyachal parvat paschim mein Gujarat mein lagbhag 1086 kilometer Tak khela hua hai
- विंध्याचल पर्वत की गणना सप्तपुर पर्वतों में की जाती है
- विंध्याचल पर्वत श्रंखला पहाड़ियों की टूटी फूटी श्रंखला है जो भारत को मध्यवर्ती उच्च भूमि का दक्षिणी कदार बनाती है
- विंध्याचल पर्वत के पूर्व में पारसनाथ पर्वत श्रेणी जो झारखंड राज्य में स्थित है
- विंध्याचल पर्वत श्रेणी का उल्लेख महाभारत और रामायण में किया गया है
मध्य प्रदेश की जनगणना
विंध्याचल पर्वत के प्रमुख पठार
विंध्याचल पर्वत श्रेणी कहां स्थित है
विंध्याचल पर्वत श्रेणी या पर्वत भारत के पश्चिम मध्य में स्थित है यह पर्वत प्राचीन गोलाकार पर्वत श्रेणी है जो उत्तरी भारत और दक्षिण भारत को बाटती है इस पर्वत का विस्तार उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ गुजरात बिहार में लगभग 1086 किलोमीटर तक फैला हुआ है
विंध्याचल पर्वत श्रेणी या श्रृंखला का विस्तार
यह पर्वत अलीराजपुर धार बड़वानी खरगोन खंडवा इंदौर देवास हरदा होशंगाबाद नरसिंहपुर जबलपुर दमोह कटनी छतरपुर पन्ना सतना रीवा सीधी सिंगरौली तक फैला हुआ है मध्यपदेश राज्य में विंध्याचल पर्वत पूर्व में भांडेर कैमूर पर्वत श्रेणी से पश्चिम दिशा तत ग्रुप में फैला हुआ है और अरावली पर्वत में मिल जाती है भारत देश में विंध्याचल पर्वत श्रेणी पश्चिम में गुजरात तक विशेष रूप से फैली हुई है उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश एवं बिहार तक निश्चित रूप से यह पर्वत श्रृंखला फैली हुई है एवं पूर्व फैला हुआ है और पश्चिम गुजरात तक फैली हुई है विंध्याचल पर्वत का पूर्वी हिस्सा सतपुड़ा पर्वत श्रेणी माना जाता है।
विंध्याचल पर्वत श्रेणी में कौन कौन से पर्वत आते हैं
विंध्याचल पर्वत श्रेणी में मुख्यतः अमरकंटक श्रेणी जो मैकाल पर्वत एक पर्वत श्रृखला है इसके बाद झारखंड में पारसनाथ की पहाड़ी 20 का ही एक हिस्सा है और कैमूर श्रेणी भी किसी का भाग माना जाता है और पूर्व में छोटा नागपुर का पठार किसी पठार का हिस्सा माना जाता है।
विंध्याचल पर्वत की विशेषता।
- विंध्याचल पर्वत माला पश्चिम से पूर्व की ओर भागने की ओर एवं पारसनाथ की पहाड़ियों के रूप में गुजरात से लेकर झारखंड तक फैला हुआ है।
- विंध्याचल पर्वत को अवशिष्ट पर्वत के नाम से भी जाना जाता है।
- विंध्याचल पर्वत माला उत्तर भारत को दक्षिण भारत से अलग करती है।
- विंध्याचल पर्वत में लाल बलुआ प्रकृति मातरम पाए जाते हैं।
- विंध्याचल पर्वत का निर्माण परतदार चट्टानों से होता है
- विंध्याचल पर्वत की गणना सप्त कुल पर्वतों में की जाती है
- विंध्याचल पर्वत श्रेणी की पहाड़िया टूटी-फूटी पर्वत श्रृंखलाएं
- विंध्याचल पर्वत के पूर्व में पारसनाथ पर्वत श्रेणी जो झारखंड राज्य में स्थित है।
- विंध्याचल पर्वत श्रेणी का उल्लेख रामायण और महाभारत में भी किया गया है।
- विंध्याचल पर्वत श्रंखला पर विद्यावासिनी देवी मंदिर मिर्जापुर उत्तर प्रदेश राज्य में है
- विंध्याचल पर्वत श्रेणी देश के 51 शक्तिपीठों में से एक है।
विंध्याचल पर्वत कहां है
- उत्तर प्रदेश
- मध्य प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- गुजरात
- बिहार
- विंध्याचल पर्वत शृंखला कुल 1086 किलोमीटर तक विस्तृत है
- शिप्रा नदी
- पायपुसणी
- ताप्ती
- सिंधु नदी
- वैनगंगा
- वैतरणी
- कुमुदवात स्वर्णरेखा
- सोन नदी
- पूर्णा नदी
- नर्मदा नदी
महत्वपूर्ण तथ्य
- विंध्याचल पर्वत नर्मदा नदी के उत्तर में स्थित है
- विंध्याचल पर्वत राजस्थान से झारखंड तक फैला हुआ है
- विंध्याचल पर्वत कर्क रेखा के समांतर बना हुआ है
- नर्मदा नदी विंध्याचल पर्वत के सिद में बहती है ।
- विंध्याचल पर्वत उत्तर भारत और दक्षिण भारत के बीच में जल विभाजन का कार्य करता है
विंध्याचल पर्वत में कौन कौन से खनिज पाए जाते हैं [ मध्यप्रदेश में खनिज ]
- लाल पत्थर
- बलुआ पत्थर
- चूना पत्थर
- कोयला
- हीरा
- रेत
- Dolomite
विंध्याचल पर्वत की सर्वोच्च चोटी
विन्ध्याचल पर्वत की सबसे उची चोटी सिगार चोटी है जो 881 मीटर है यह महू के पास है यह चोटी मालवा के पर्वत में स्तित है या यु कहे के मालवा के पठार मे है